पटना, 19 जून 2025 — बिहार की चुनावी राजनीति
में तेजस्वी
प्रसाद
यादव
एक बार फिर सुर्खियों में हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने उन्हें आगामी
विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी
का मुख्यमंत्री
पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
वहीं, तेजस्वी के सरकारी आवास
के पास फायरिंग
की घटना ने राज्य की
कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल
खड़े कर दिए हैं।
1. आरजेडी
ने तेजस्वी को सीएम चेहरा
घोषित किया
आज
पटना में आयोजित आरजेडी राज्य परिषद की बैठक में
लालू
प्रसाद
यादव
ने औपचारिक रूप से घोषणा की
कि तेजस्वी यादव ही पार्टी के
मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार
होंगे। उन्होंने यह भी कहा
कि चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया
जाएगा जो जनता की
सेवा करना जानते हों। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी
देवी
ने इस मौके पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिहार की
अनदेखी का आरोप लगाया।
भाकपा माले के नेता दीपंकर भट्टाचार्य ने भी समर्थन
करते हुए कहा कि अगर महागठबंधन
जीतता है, तो तेजस्वी ही
मुख्यमंत्री बनेंगे।
2. सुरक्षा
व्यवस्था पर उठे सवाल
गुरुवार
तड़के पटना के पोलो
रोड
स्थित हाई-सिक्योरिटी जोन में दो अज्ञात हमलावरों
ने फायरिंग कर दी। यह
इलाका राज्यपाल, मुख्यमंत्री, न्यायाधीशों और तेजस्वी यादव
जैसे प्रमुख नेताओं का आवासीय क्षेत्र
है। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने
प्रशासन को सकते में
डाल दिया।
3. नीतीश
सरकार पर सीधा हमला
तेजस्वी
यादव ने इस घटना
को राज्य की गिरती
कानून-व्यवस्था का उदाहरण बताया
और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला
बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में
"गुंडाराज" लौट आया है और एनडीए
सरकार जनता की सुरक्षा करने
में विफल रही है। उन्होंने नीतीश कुमार से इस्तीफे की
मांग की।
4. शहीदों
को श्रद्धांजलि और सियासी आरोप
इस
घटना से पहले तेजस्वी
यादव ने बक्सर
में
‘ऑपरेशन
सिंदूर’
के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित
की थी और केंद्र
सरकार से उनके नाम
पर स्मारक की मांग की
थी। उन्होंने यह भी आरोप
लगाया कि जदयू नेताओं
ने निशांत
कुमार
के राजनीति में आने का रास्ता रोका।
उन्होंने जदयू को “भुंजा पार्टी” करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना
साधा कि उनके दौरे
केवल ध्यान भटकाने के लिए हैं।
5. लालू
परिवार पर कानूनी शिकंजा
इस
बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) आईआरसीटीसी
घोटाला
और जमीन
के बदले नौकरी घोटाले में लालू, राबड़ी और तेजस्वी के
खिलाफ मामलों की सुनवाई में
तेजी ला रहा है।
संभावना है कि इन
मामलों में फैसला विधानसभा चुनाव से पहले आ
सकता है, जिससे आरजेडी की राजनीतिक स्थिति
प्रभावित हो सकती है।
इसका क्या मतलब है?
मुद्दा |
प्रभाव |
सीएम चेहरे पर स्पष्टता |
तेजस्वी
को लेकर पार्टी में एकमत होने से महागठबंधन की पहचान मजबूत होती है। |
सुरक्षा में चूक |
तेजस्वी
के आवास के पास फायरिंग उन्हें कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुखर रहने का मौका देती है। |
राजनीतिक संदेश |
उनका
अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ रुख आम जनता को आकर्षित कर सकता है। |
कानूनी मामले |
ईडी
की कार्रवाई चुनावी रणनीति और छवि पर बड़ा असर डाल सकती है। |
आगे
की राह
बिहार
विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।
ऐसे में तेजस्वी यादव पार्टी में अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं,
लेकिन चुनावी सफलता इस बात पर
निर्भर करेगी कि वह सुरक्षा संकट, राजनीतिक हमलों और कानूनी चुनौतियों का कैसे सामना
करते हैं।
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