दोहा / वाशिंगटन – 23 जून 2025 – ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने आज दोपहर कतर में स्थित अल-उदीद एयर बेस पर मिसाइल हमला किया, जो क्षेत्रीय तनावों में तेज़ बढ़ोतरी का संकेत है। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के जवाब में किया गया।
घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण
- क्या हुआ: 23 जून को ईरान ने अल-उदीद एयर बेस की ओर कई मिसाइलें दागीं। यह अमेरिका का मध्य पूर्व में सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है जहाँ लगभग 10,000 सैनिक तैनात हैं। कतर की वायु रक्षा प्रणाली ने सभी मिसाइलों को मार गिराया और किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
- समय और समन्वय: यह हमला रात 8 बजे (AST) से पहले हुआ। ईरान ने इसे “विजय की सूचना” नामक ऑपरेशन के तहत अंजाम दिया और बताया कि उसने हमले से पहले अमेरिका और कतर को चेतावनी दी थी जिससे नागरिक हानि रोकी जा सके।
रणनीतिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि
- यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान स्थित परमाणु स्थलों पर किए गए गुप्त हमलों के जवाब में किया गया।
- ईरान ने कहा कि उसने केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है और दोहा के नागरिक इलाकों को जानबूझकर छोड़ा गया है। हमला प्रतीकात्मक रूप से उसी पैमाने पर किया गया जितना अमेरिका द्वारा बमबारी की गई थी।
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
- कतर: कतर ने हमले की कड़ी निंदा की और इसे उसकी संप्रभुता का उल्लंघन बताया। उसने कहा कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने मिसाइलों को रोक दिया और वह इस आक्रामकता का उचित जवाब देने का अधिकार रखता है।
- स्पेन: स्पेन सरकार ने भी हमले की कड़ी निंदा की और सभी पक्षों से तत्काल तनाव कम करने और बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील की।
- वैश्विक बाज़ार और विमानन: इस हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई। वहीं, एयर इंडिया ने मध्य पूर्व के लिए सभी उड़ानों को सुरक्षा कारणों से निलंबित कर दिया।
आगे की संभावनाएँ
- अमेरिकी रुख: पेंटागन ने पुष्टि की है कि इस हमले में कोई अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ है। फिर भी व्हाइट हाउस और रक्षा विभाग हाई अलर्ट पर हैं और राष्ट्रपति ट्रंप ने सुरक्षा टीम के साथ आपात बैठकें की हैं।
- आगामी स्थिति: ईरान ने केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर और कतर ने नागरिक हानि को रोकते हुए जवाब देकर फिलहाल पूर्ण युद्ध से बचने की मंशा दिखाई है। हालांकि, क्षेत्र की स्थिति अब भी बेहद संवेदनशील बनी हुई है।
सारांश
ईरान का यह मिसाइल हमला—भले ही सैन्य रूप से सीमित रहा हो—लेकिन यह अमेरिका के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद एक बड़ा कदम है। किसी के हताहत न होने और पहले से चेतावनी दिए जाने के कारण दोनों पक्षों ने फिलहाल संयम दिखाया है, लेकिन हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं और इसके वैश्विक कूटनीतिक एवं आर्थिक असर जल्द ही सामने आ सकते हैं।
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